सक्सेसफुल रेस्टोरेंट बिज़नेसमैन ऑनलाइन मार्केटिंग का तरीक़ा अपना रहे हैं। जानिए आख़िर क्यों?

अगर आप अभी भी अख़बार, पैम्फ़लेट के जरिये अपने रेस्टोरेंट का प्रचार कर रहे हैं तो ये आर्टिकल आपके लिये है।

एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में स्मार्टफ़ोन यूज़र्स की संख्या लगातार बढ़ रही है।

दूसरी तरफ़, आज के समय में लोग अख़बार पढ़ने से ज़्यादा मोबाइल पर खबर देखने के साथ सोशल मीडिया पर ज़्यादा समय दे रहे हैं।

ऐसे समय में अगर आप अपनी रेस्टोरेंट का प्रचार अख़बार, होर्डिंग और पम्फ़्लेट के ज़रिए कर रहे हैं तो जरा रुकिये।

आज के समय में अधिकतर लोग अपने बिज़नेस की मार्केटिंग ऑनलाइन तरीक़े से कर रहे हैं और ज़्यादा संभावना ये भी है कि आपके कम्पीटीटर्स, मार्केटिंग के इस नये तरीक़े को अपनाने वाले हों।

लिहाज़ा अगर आपको अपने कम्पीटीटर्स से हमेशा आगे रहना है तो ये तरीक़ा पहले ही अपना लेना होगा।

सवाल उठता है कि आख़िर आपको अपने रेस्टोरेंट बिज़नेस के लिए ऑनलाइन मार्केटिंग का तरीक़ा क्यों अपनाना चाहिए?

ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुँच

ऑनलाइन मार्केटिंग का सबसे बड़ा फ़ायदा ये है कि आप अपने रेस्टोरेंट, इसकी ख़ासियत और ऑफर्स के बारे में ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को बता सकते हैं। वो भी कम से कम समय में। जबकि अख़बार, पैम्फ़लेट होर्डिंग्स की तैयारियों में समय लगता है।

ख़ास तरह के लोगों तक पहुँच 

ऑनलाइन मार्केटिंग की मदद से आप अपने आइडियल कस्टमर को टारगेट कर सकते हैं क्योंकि इसमें टार्गेटिंग (targeting) के बहुत डिटेल ऑप्शन मिलते हैं।

उदाहरण के लिए अगर आपका चाइनीज़ रेस्टोरेंट है तो आप केवल चाइनीज़ फ़ूड पसंद करने वाले लोगों को ही अपना एड दिखा सकते हैं। इसी तरह अगर आप एक नॉनवेज रेस्टोरेंट चलाते हैं तो आप केवल चिकन और मटन पसन्द करने वाले लोगों को ही टारगेट कर सकते हैं।

ट्रेडिशनल मार्केटिंग की तुलना में क़ीमत कम

ट्रेडिशनल मार्केटिंग जैसे टीवी एड, प्रिंट एड (अख़बार, पैम्फ़लेट इत्यादि) और होर्डिंग्स (बिलबोर्ड) में प्रचार कराना महँगा होता है। उदाहरण के लिए एक अच्छे अख़बार में एड देने की क़ीमत Rs.250 प्रति स्क्वायर सेंटीमीटर के हिसाब से (8×10 सेंटीमीटर के) एड की क़ीमत Rs21000/- प्रति दिन होती है। यानी महीने का क़रीब 6 लाख। जबकि ऑनलाइन मार्केटिंग इससे एक तिहाई क़ीमत किया जा सकता है यहाँ तक कि Rs500/- के डेली बजट से भी शुरू किया जा सकता है।

इसके अलावा ट्रेडिशनल मार्केटिंग में हमें ये पता नहीं चलता कि हमारे एड को कितने लोगो ने देखा, जिन्होंने देखा उन्होंने क्या एक्शन लिया।

ऑनलाइन मार्केटिंग में हमें ये पता चलता है कि कितने लोगों ने इसे देखा और अगर देखा तो कितने लोगों ने एक्शन लिया। इसमें बजट के अनुसार खर्च करने, ख़ास लोगों टारगेट करने और रिज़ल्ट्स को ट्रैक करने की सुविधा है। ये डेटा पर आधारित मार्केटिंग होती है न कि तुक्के (अंदाज़ा) पर आधारित।

ऑनलाइन मार्केटिंग में जिन लोगों ने हमारे एड पर एक्शन लिया (रेस्टोरेंट में आये) उन्हें फिर से टारगेट करके उसी तरह के एड दिखा सकते हैं और लॉयल कस्टमर में बदल सकते हैं।

ब्रांड विसिबिलिटी और विश्वसनीयता 

आज की डिजिटल दुनिया में आपके रेस्टोरेंट की ऑनलाइन मौजूदगी बहुत महत्वपूर्ण है। ये ऑनलाइन मौजूदगी आप वेबसाइट, सोशल मीडिया इत्यादि के ज़रिए दर्ज कराते हैं। इससे आप अपने डिशेज़ और ऑफर्स को ज़रूरतमंद लोगों को ही दिखा सकते हैं।

जब ये डिशेज़ और ऑफर्स लोगों को ऑनलाइन दिखते हैं तो आपके ग्राहक इसमें रिव्यू भी सबमिट कर सकते हैं। ज़्यादा से ज़्यादा रिव्यू आपके रेस्टोरेंट की विश्वसनीयता को बढ़ाती है।

ग्राहकों के साथ कनेक्शन

ऑनलाइन मार्केटिंग का मक़सद केवल लोगों को एड दिखा कर उन्हें रेस्टोरेंट में भोजन कराना नहीं है – यह आपके ग्राहकों और दूसरे लोगों के साथ रिलेशनशिप भी है। आप लोगों से कनेक्ट रह कर उनसे संवाद करते हैं, उनकी राय जानते हैं। इस तरह आप अपने रेस्टोरेंट का फीडबैक पाते हैं।

इस फ़ीडबैक के अनुसार आप अपने रेस्टोरेंट को बढ़ाने की स्ट्रैटेजी तैयार कर सकते हैं।

ऑनलाइन मार्केटिंग के तमाम तरीक़े 

  • सोशल मीडिया मार्केटिंग– फ़ेसबुक, इंस्टाग्राम में एड करना।
  • सर्च इंजन ऑप्टिमाइज़ेशन– अपनी वेबसाइट को गूगल में रैंक करना ।
  • कंटेंट मार्केटिंग– ऑडियो, वीडियो और टेक्स्ट (आर्टिकल) को तमाम प्लेटफ़ार्म पर पब्लिश करना।
  • एस एम एस / व्हाट्सएप मार्केटिंग– लोगों को पर्सनालाइज्ड मैसेज भेजना।

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