चाहे आपका रेस्टोरेंट, ज्वैलरी शॉप, सलून, जिम या स्कूल हो, ऑनलाइन मार्केटिंग के ज़रिए आप अपने व्यापार को नई ऊँचाइयों तक पहुँचा सकते हैं।

इस बात से आप ज़रूर सहमत होंगे कि जहां भीड़ होती है एड (विज्ञापन) उसी जगह पर किए जाते हैं। तो जनाब…आजकल ये भीड़ इकट्ठी हो रही है सोशल मीडिया पर।
आज के समय में हर व्यक्ति अपने पास स्मार्टफ़ोन रखना पसंद करता है और हर 5-10 मिनट में मोबाइल चेक करता है और सोशल मीडिया (फ़ेसबुक, इंस्टाग्राम) पर समय बिताता है।
ऐसे वक्त में अगर आप, अपने व्यापार की मार्केटिंग (एड) पुराने तरीक़ों से कर रहे हैं, तो अब समय आ गया है इसे बदलने का। यानी आपको इस वक्त ऑनलाइन मार्केटिंग का भी तरीक़ा अपनाना चाहिए।
आख़िर आपको अपने व्यापार के लिए ऑनलाइन मार्केटिंग का तरीक़ा क्यों अपनाना चाहिए।
ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुँच
ऑनलाइन मार्केटिंग का सबसे बड़ा फ़ायदा ये है कि आप अपने प्रोडक्ट और सर्विस के बारे में अधिक से अधिक लोगों को बता सकते हैं।
अगर आपने एक नया रेस्टोरेंट खोला है तो शहर के सभी लोगों तक एक झटके में इस रेस्टोरेंट की ख़ासियत के बारे में बता सकते हैं। इस तरह वे लोग जिन्हें खाने-पीने में रुचि होगी वो तुरंत आपके यहाँ डिनर का प्लान बना सकते हैं।
ख़ास तरह के लोगों तक पहुँच
अगर आप चाहते हैं कि आपका एड केवल ख़ास तरह के लोगों को ही दिखे तो आपको यहाँ पर इस तरह के ढेरों फ़ीचर मिलते हैं।
दूसरे शब्दों में ऑनलाइन मार्केटिंग की मदद से आप अपने आइडियल कस्टमर को टारगेट कर सकते हैं क्योंकि इसमें टार्गेटिंग (targeting) के बहुत डिटेल ऑप्शन मिलते हैं।
अगर आपका लेडीज़ कपड़ों का शोरूम है तो आप उन लेडीज़ को बार-बार कई तरह के एड दिखा सकते हैं जिनकी उम्र 15 से 40 के बीच हो और जिन्हें फ़ैशन में इंटरेस्ट हो।
इसी तरह अगर आप ज्वैलरी शॉप / शोरूम चला रहे हैं तो आप 25 से 45 साल की उम्र की महिलाओं को टारगेट कर सकते हैं क्योंकि इन्हें ज्वैलरी पहनना बहुत पसंद होता है।
ट्रेडिशनल मार्केटिंग की तुलना में क़ीमत कम
ट्रेडिशनल मार्केटिंग जैसे टीवी एड, प्रिंट एड (अख़बार, पैम्फ़लेट इत्यादि) और होर्डिंग्स (बिलबोर्ड) में प्रचार कराना महँगा होता है और हमें ये पता नहीं चलता कि इन्हें कितना लोगो ने देखा, जिन्होंने देखा उन्होंने क्या एक्शन लिया।
दूसरी तरफ़ ऑनलाइन मार्केटिंग में एड (तुलनात्मक रूप से) कम क़ीमत में हो जाता है। हमें ये भी पता चलता है कि कितने लोगों ने इसे देखा और अगर देखा तो कितने लोगों ने एक्शन लिया। इसमें बजट के अनुसार खर्च करने, ख़ास लोगों टारगेट करने और रिज़ल्ट्स को ट्रैक करने की सुविधा है। ये डेटा पर आधारित मार्केटिंग होती है न कि तुक्के (अंदाज़ा) पर आधारित।
ऑनलाइन मार्केटिंग में जिन लोगों ने हमारे एड पर एक्शन लिया (सामान ख़रीदा) उन्हें फिर से टारगेट करके उसी तरह के एड दिखा सकते हैं।
ब्रांड विसिबिलिटी और विश्वसनीयता
आज की डिजिटल दुनिया में आपकी ऑनलाइन मौजूदगी बहुत महत्वपूर्ण है। ये ऑनलाइन मौजूदगी आप वेबसाइट, सोशल मीडिया इत्यादि के ज़रिए दर्ज कराते हैं। इससे आप अपने प्रोडक्ट और सर्विसेज़ को ज़रूरतमंद लोगों को दिखा सकते हैं।
जब ये प्रोडक्ट और सर्विसेज़ लोगों को ऑनलाइन दिखते हैं तो आपके ग्राहक इसमें रिव्यू भी सबमिट कर सकते हैं। ज़्यादा से ज़्यादा रिव्यू आपके ब्रांड की विश्वसनीयता को बढ़ाती है।
ग्राहकों के साथ कनेक्शन
ऑनलाइन मार्केटिंग केवल बेचने के बारे में नहीं है – यह आपके ग्राहकों और दूसरे लोगों के साथ रिलेशनशिप भी है। आप लोगों से कनेक्ट रह कर उनसे संवाद करते हैं, उनकी राय जानते हैं। इस तरह आप अपने बिज़नेस का फीडबैक पाते हैं।
इस फ़ीडबैक के अनुसार आप अपने बिज़नेस को बढ़ाने की स्ट्रैटेजी तैयार कर सकते हैं।
ऑनलाइन मार्केटिंग के तमाम तरीक़े
- सोशल मीडिया मार्केटिंग– फ़ेसबुक, इंस्टाग्राम में एड करना।
- सर्च इंजन ऑप्टिमाइज़ेशन– अपनी वेबसाइट को गूगल में रैंक करना ।
- कंटेंट मार्केटिंग– ऑडियो, वीडियो और टेक्स्ट (आर्टिकल) को तमाम प्लेटफ़ार्म पर पब्लिश करना।
- एस एम एस / व्हाट्सएप मार्केटिंग– लोगों को पर्सनालाइज्ड मैसेज भेजना।
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